60 वर्षों में पहली बार राजस्थान ने राष्ट्रीय स्तरीय महिला अंडर-17 फुटबॉल खिताब पर जमाया कब्जा

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60 वर्षों में पहली बार राजस्थान ने राष्ट्रीय स्तरीय महिला अंडर-17 फुटबॉल खिताब पर जमाया कब्जा

ढिंगसरी गाँव की बेटियों ने किया कमाल,विजेता टीम में 22 में से 12 खिलाड़ी इसी गांव की..

राजस्थान टीम में संजू कंवर राजवी व मुन्नी भांभू का रहा शानदार प्रदर्शन

बीकानेर, दैनिक खबरां । शुक्रवार 9 अगस्त का दिन राजस्थान के लिए ऐतिहासिक जीत वाला रहा, क्योंकि राजस्थान ने 60 वर्षों में अपना पहला राष्ट्रीय स्तरीय महिला अंडर-17 फुटबॉल खिताब जीता है। राजस्थानी लड़कियों के बारे में मारवाड़ी में अक्सर कहा जाता है कि “म्हारी छोरियां छोरों से कम ना है”। इस जीत की ख़ुशी में बीकानेर जिले का भी अहम रोल रहा क्योंकि विजेता राजस्थान की महिला टीम में 22 खिलाड़ियों में से 12 खिलाड़ी नोखा तहसील के ढिंगसरी गांव की है। राजस्थान टीम के विजेता होते ही समूचे राजस्थान में बधाई का दौर शुरू हो गया। ढिंगसरी के युवा पवन शर्मा (उपाध्याय) ने बताया कि जीत की यह सुचना जैसे ही गाँव पहुंची, समुचा गाँव ख़ुशी से झूम उठा। गांव के बूढ़े बच्चे और युवा गाँव के मुख्य चौक में जमा हो गए, और एक दूसरे को बधाई देने लगे। शर्मा ने बताया हमारे गाँव की लड़कियों ने पुरे देश में ढिंगसरी गाँव का नाम रोशन किया है। शर्मा के अनुसार जल्द ही ढिंगसरी में इस जीत के उपलक्ष्य में एक कार्यक्रम रखा जाएगा, जिसमें विजेता टीम व कोच का सम्मान किया जाएगा । वंही नोखा में पंचारिया चौक में राधेश्याम,अशोक उपाध्याय सहित अन्य युवा टूर्नामेंट में ऐतिहासिक जीत के उपलक्ष्य में डीजे की धुन पर खूब थिरके। इस दौरान युवाओं द्वारा आतिशबाजी भी की गई, मिठाई खिलाकर एक दूसरे का मुंह भी मीठा किया गया।



एक छोटे से गाँव की एक दर्जन लड़कियों ने कैसे किया कमाल
राजस्थान ने 60 वर्षों में अपना पहला राष्ट्रीय स्तरीय महिला अंडर-17 फुटबॉल खिताब जीतकर समूचे देश में अपने प्रतिभा का डंका बजा दिया है।बेलगाम (कर्नाटक) में आयोजित जूनियर गर्ल्स नेशनल फुटबॉल चैंपियनशिप 2024-25 के फाइनल में राजस्थान की टीम ने मेज़बान कर्नाटक को 3-1 से हराया। इस जीत के बाद खेलप्रेमियों में राजस्थान की टीम खिलाड़ियों को जानने की ललक जाग पड़ी। राजस्थान की इस टीम में 12 गर्ल्स खिलाड़ी तो नोखा तहसील के एक छोटे से गांव ढींगसरी की रहने वाली हैं। इनकी ट्रेनिंग मगनसिंह राजवी फुटबॉल क्लब, ढ़ीगसरी में भारतीय फुटबॉल टीम के पूर्व कप्तान,अर्जुन अवार्डी गौरव मगन सिंह राजवी कोच करते हैं। गौरतलब है,राजस्थान ने आखिरी बार 1964 में अजमेर में डॉ. बीसी रॉय ट्रॉफी के लिए जूनियर बॉयज़ नेशनल फुटबॉल चैंपियनशिप के फाइनल में असम को हराकर ट्रॉफी जीती थी।

इन्होने दी बधाई
राजस्थान टीम के विजेता बनने के बाद शिव विधायक रविंद्र सिंह भाटी, नोखा के पूर्व विधायक बिहारीलाल बिश्नोई, नोखा नगर पालिका चेयरमैन नारायण झंवर, बीजेपी नेता सुरेंद्र सिंह शेखावत,राजस्थान फुटबॉल संघ अध्यक्ष मानवेन्द्र सिंह,कोलायत विधायक अंशुमान सिंह भाटी,बीकानेर पश्चिम विधायक जेठानंद व्यास, पूर्व मंत्री भंवर सिंह भाटी सहित कई जनप्रतिनिधियों और खेलप्रेमियों ने बधाई दी है।

ऐसा रहा मैच
मैच की शुरुआत में कर्नाटक को थोड़ी बढ़त थी, लेकिन 23वें मिनट में राजस्थान ने बढ़त बना ली जब स्ट्राइकर मंजू कंवर ने एक सटीक वॉली से गोल किया, जिसका कर्नाटक की गोलकीपर प्रयुक्ता आर्या के पास कोई जवाब नहीं था। दूसरा गोल 36वें मिनट में मंजू कंवर ने फ्री-किक किया, जो गोलकीपर के सिर के ऊपर से होते हुए सीधे गोल में चली गई, जिससे राजस्थान ने अपनी बढ़त को और मजबूत कर लिया। इस कड़े मुकाबले में, मंजू कंवर के शानदार वॉली और कप्तान संजू कंवर द्वारा दो बेहतरीन फ्री-किक से राजस्थान ने कर्नाटक के खिलाफ तीन गोल किए और जीत हासिल की। टूर्नामेंट में बेहतरीन प्रदर्शन पर संजू कंवर राजवी को प्लेयर ऑफ द टूर्नामेंट और गोलकीपर मुन्नी भांभू को बेस्ट गोलकीपर चुना गया।