राष्ट्रीय स्तर पर बीकानेर व ढिंगसरी का नाम रोशन करने वाली गर्ल्स फुटबॉल टीम पहुंची बीकानेर, जगह- जगह हुआ स्वागत

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राष्ट्रीय स्तर पर बीकानेर व ढिंगसरी का नाम रोशन करने वाली गर्ल्स फुटबॉल टीम पहुंची बीकानेर

बीकानेर से लेकर ढिंगसरी पहुंचने तक जगह-जगह स्वागत के लिए लोगों ने बिछाए पलक पावड़े

बीकानेर/नोखा, दैनिक खबरां । राष्ट्रीय स्तरीय महिला अंडर-17 फुटबॉल टूर्नामेंट जीतकर नेशनल स्तर पर बीकानेर सहित ढिंगसरी का नाम रोशन करने वाली बेटियां रविवार सुबह रेलमार्ग से कोच विक्रमसिंह के साथ बीकानेर पहुंची। रेलवे स्टेशन पहुंचने के बाद टीम का जोरों शोरो से स्वागत किया गया। यंहा टीम का स्वागत करने ढिंगसरी, नोखा सहित अन्य जगहों से सैकड़ों लोग मौजूद थे। स्वागत करने वालों की भीड़ में नोखा के पूर्व विधायक बिहारीलाल बिश्नोई सहित ढिंगसरी सरपंच व कई जनप्रतिनिधि मौजूद थे। ट्रेन से उतरते ही कोच विक्रमसिंह को फूल मालाओं से लाद दिया गया। वंही जीत की लाडेसर बेटियों को आशीर्वाद देकर मालाओ से स्वागत किया गया। इस दौरान युवाओं ने जोशीले नारो “भारत माता की जय ” की जयघोष से माहौल गुंजायमान कर दिया। वंही इस मौके पर ग़ुलाल भी उड़ाई गई। विजेता बेटियों और कोच विक्रमसिंह के स्वागत में ढ़ोल बज रहें थे। इतना स्वागत देखकर वे खुशी से गदगद हो गए। वंही इस मौके पर युवाओं में टीम और कोच के साथ फोटो खिंचवाने की होड़ लगी रही। इसके बाद विजयी जुलुस के रूप में कोच व जीत का सेहरा बांधे ढिंगसरी की लाडेसर खिलाड़ी बेटियों का काफिला बीकानेर से ढिंगसरी के लिए रवाना हुआ। यंहा से जगह जगह रास्ते में स्वागत हुआ।

ढिंगसरी के युवा पवन शर्मा (उपाध्याय) ने बताया कि विजेता टीम का देशनोक करणी माता मंदिर के आगे,नोखा में घंटाघर के आगे, कटला चौक व सीताराम पंचारिया पेट्रोल पंप पर काफिला रोककर स्वागत किया गया। उसके बाद काफिला ढिंगसरी पहुंचा जंहा गांव में स्वतन्त्रता सेनानी दलपत सिंह की मूर्ति के आगे ग्रामवासियों ने बेटियों के स्वागत सत्कार के लिए पलक पावड़े बिछा दिए। यंहा खूब ग़ुलाल उड़ाई गई। ढ़ोल बजे और मिठाई बाँटी गई। पुरे गाँव में जश्न का माहौल हो गया। ये वही गाँव था जो एक जमाने में खेल के मामले में जीरो था, लेकिन आज यह गाँव फुटबॉल खेल में देश में चर्चा का विषय बना हुआ है, लेकिन इस जीत तक टीम को पहुंचाने के लिए कोच विक्रम सिंह को कड़ी मेहनत करनी पड़ी। कोच विक्रम सिंह कहते है कि ज़ब गाँव की लड़कियों को फुटबॉल सिखाने की कोशिश की तो कोई बेटियों का मैदान में भेजने को तैयार नहीं था। स्कर्ट, टी-शर्ट पहनने की बात पर आंखें फैल जाती थी। काफी मेहनत करनी पड़ी। धीरे-धीरे लोगों में विश्वास जगा। और जो सपना देखा उसे हमारी जाबांज लड़कियों ने पूरा कर दिया। पुरे 60 साल के बाद राजस्थान ने फुटबॉल टूर्नामेंट जीतकर देश की नजरें ढिंगसरी की और कर दी। आज पुरे देश में ढिंगसरी की गर्ल्स खिलाड़ियों की चर्चा है, जो अपने आप में बहुत महत्वपूर्ण है। उससे बहु बड़ी ताज्जुब की बात यह है कि इन खिलाड़ियों में से कइयों के पिता किसान, मजदूर, गडरिये जैसे काम कर आजीविका चला रहे हैं। दैनिक खबरां मिडिया परिवार और सम्पादक नारायण उपाध्याय की और से ढिंगसरी टीम और कोच विक्रम सिंह राजवी को इस ऐतिहासिक जीत के लिए ढेरों शुभकामनाएं।

ये है ढिंगसरी की 12 गर्ल्स खिलाड़ी
खिलाड़ियों में कप्तान मंजू कंवर, उप कप्तान हंसा कंवर, गोलकीपर मुन्नी भाम्भू, दशा कंवर, भावना कंवर, संतोष, दुर्गा, लक्ष्मी कंवर, मंजू राजवी, सुमन राजवी, गुड्डी राजवी, राधा गोदारा शामिल हैं।