बीकानेर न्यास बना विकास प्राधिकरण, क्या कामकाज का ढर्रा बदलेगा?

Editor बीकानेर

बीकानेर बना विकास प्राधिकरण,क्या कामकाज का ढर्रा बदलेगा?

शुरुआती वार्ड सं 1 के ही हालात बदतर,गली मुहल्ले गंदगी से पसरे, सड़के टूटी पड़ी, मोहल्लेवासी उतरेंगे सड़कों पर..


पत्रकार नारायण उपाध्याय की कलम से
बीकानेर, दैनिक खबरां। बीकानेर का नाम अब बड़े शहरों की श्रेणी में चुका है, क्योंकि हाल ही में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने बीकानेर विकास प्राधिकरण की घोषणा की है। इस घोषणा के मुताबिक पूरा शहर पूर्व व पश्चिम इसके दायरे में आ गए है,साथ ही बताया जा रहा है कि इसका दायरा भी बढ़ाया जा सकता है। कहा जा रहा है कि जयपुर,जोधपुर और कोटा की तर्ज पर बीकानेर का विकास होगा,लेकिन इस प्राधिकरण नाम को धरातल पर फलीभुत करना किसी चुनौती से कम नहीं है, क्योंकि बीकानेर नगर विकास न्यास और बीकानेर नगर निगम में काम करने वाले अधिकारी कर्मचारी अपनी मनमर्जी के मालिक है, जो उन्हें अच्छा लगेगा वे ही वो काम करेंगे। आम पब्लिक में इनकी लंबी शिकायते है। इन शिकायतों को लेकर खुद जिला कलेक्टर ने कई बार आकस्मिक निरिक्षण कर इनको नसीहत भी दे रखी है, लेकिन एक दो दिन के बाद सभी व्यवस्थाएं पहले की भांति हो जाती है। शहर में सीवरेज समस्या है, नालों की सफाई चरमरा गई है। कचरों के ढेर लगे पड़े है, सड़के टूटी पड़ी है। हाल ही में एक पार्षद द्वारा एक बैनर के माध्यम से मंत्री विधायक और मेयर पर शहर की सफाई व्यवस्था व अन्य मुद्दों को लेकर आवाज उठाई गई थी। जिसके बाद आनन फ़ानन में मेयर द्वारा एक आपात मीटिंग बुलाई गई जिसमें शहर के पेंडिंग पड़े वर्क ऑर्डर को पारित किया गया।

शुरू का वार्ड संख्या 1 ही सफाई व्यवस्था में बना नासूर

नगर निगम में कुल 80 वार्ड है। निगम के शुरुआती वार्ड संख्या 1 में ही हालात बद से बदतर है। इस वार्ड की गली संख्या 2 में रहने वाले मोहल्लेवासियों ने सफाई और सड़क को लेकर निगम और पार्षद पर भेदभाव का आरोप लगाया है। यंहा कचरे के ढेर लगे है। आरोप है कि कचरा संग्रहण करने वाली टेक्सी उनकी गली में आती नहीं है। नाला सफाई हुए काफी वक्त बीत गया, थोड़ी सी बारिश में पूरी गली पानी से भर जाती है। सीवरेज लाइन डाले एक साल बीत गया लेकिन उसकी सार संभाल अभी तक नहीं हुई। सीवरेज के समय उनके नलकूपों के कनेक्शन की लाइने क्षतिग्रस्त हो गई थी, जो अभी तक सही नहीं हो पाई है। मजबूरन मोहल्ले वालों को 500 से 600 रू देकर टेंकरो से पानी मंगवाना पड़ रहा है। मोहल्ले की मुख्य गली में सड़क अदृश्य ही हो गई है। मोहल्लेवासियों ने बताया कि इन सभी समस्याओं को लेकर उन्होंने कई बार निगम को शिकायत दी है, लेकिन जिम्मेदारों के कानों तक जूँ तक नहीं रेंगी। मोहल्लेवालो का आरोप है कि चुनाव के समय नेता उन्हें झूठे वादे देकर वोट ले लेते है, यंहा तक कि वार्ड पार्षद भी भेदभाव कर रही है। मोहल्लेवासियों ने जिला कलेक्टर व निगम आयुक्त से अपील की है कि वे हमारे वार्ड की समस्या का समाधान करें अन्यथा वे मजबूरन विरोध प्रदर्शन करने सड़कों पर उतरेंगे।