बीकानेर नगर निगम में वार्डवार काम स्वीकृति का पैमाना हुआ फैल!विकास चढ़ा रसूख की भेंट,38 वार्डो में 40 लाख से 1 करोड़ का बजट,15 वार्डो में ना मिली चवन्नी..

बीकानेर

बीकानेर नगर निगम में वार्डवार काम स्वीकृति का पैमाना हुआ फैल!विकास चढ़ा रसूख की भेंट,38 वार्डो में 40 लाख से 1 करोड़ का बजट,15 वार्डो में ना मिली चवन्नी..

बीकानेर@दैनिक खबरां। नगर निगम में वार्डवार काम की स्वीकृति का पैमाना फेल हाे गया है। जिसका रसूख चला वाे उतना ही ज्यादा पैसा अपने वार्ड में ले गया। शहर के 80 वार्डाें में 39 वार्ड ऐसे हैं जहां 40 लाख से एक कराेड़ से ज्यादा के काम करवाए जा रहे हैं जबकि 15 वार्डाें में एक रुपए का काम मंजूर नहीं हुआ। 26 वार्ड ऐसे हैं जहां चार लाख से 39 लाख तक के काम हाे रहे। 40 लाख से ज्यादा राशि वाले वार्डाें में 21 वार्ड पूर्व विधानसभा और 17 पश्चिम विधानसभा क्षेत्र के हैं।

सबसे ज्यादा राशि नेता प्रतिपक्ष चेतना डाेटासरा के वार्ड 17 में खर्च हाे रही है। इस वार्ड एक कराेड़ के करीब के काम हाेंगे। हालांकि इसमें कुछ पैसा हाउसिंग बाेर्ड का भी है क्याेंकि निगम काे काॅलाेनी हस्तांतरित करते वक्त कुछ वार्डाें के लिए 12 कराेड़ रुपए मंजूर किए गए थे। सर्वाधिक राशि वाले वार्डाें में कांग्रेस के वार्ड 17, 25, 52, 71 हैं। भाजपा में सर्वाधिक पैसा वार्ड 9, 31, 39 में खर्च हुआ है। 31 नंबर वार्ड में पार्षद की बिना रिकमंडेशन के भी खर्च हुआ है। इसी इलाके में निगम आयुक्त का आवास है। दाे वार्ड ऐसे हैं जहां सारे काम एक ही ठेकेदार काे दिए गए हैं।

2021 में 40-40 लाख के काम होने थे, 25-25 लाख के हुए- इस साल 45-45 लाख रुपए के काम तय हुए, लेकिन जिसका रसूख उसके लिए कोई सीमा तय नहीं

जिन वार्डाें में अब तक एक रुपए भी स्वीकृत नहीं हुआ उसमें आठ में भाजपा, चार में कांग्रेस और तीन में निर्दलीय पार्षद हैं। महिला माेर्चा अध्यक्ष और 47 की भाजपा पार्षद सुमन और डिप्टी मेयर राजेन्द्र पंवार के वार्ड 49 में भी अब तक एक भी रुपए मंजूर नहीं हुआ। दरअसल निगम आयुक्त की मौजूदगी में ही मेयर ने बजट बैठक में पैमाना बनाया था कि प्रत्येक वार्ड में 45-45 लाख के काम मंजूर हाेंगे। तब आयुक्त पंकज शर्मा थे। आयुक्त गाेपालराम विरदा बने ताे मेयर से ट्यूनिंग नहीं बैठी। फिर मेयर के वार्ड 14 और वार्ड 36 के बीच की सड़क से विवाद शुरू हुआ। मेयर ने इस सड़क के लिए 40 लाख का काम शुरू कराया।

इन वार्डाे में न तो एस्टीमेट बना ना ही काम मंजूर हो सके वार्ड 78,66,63,62,61,49,47,35,34,28,6,5,4,3, और दाे नंबर वार्ड ऐसे हैं जहां अब तक ना ताे एस्टीमेट बना और ना ही काम मंजूर हुआ। इसमें भाजपा और कांग्रेस दाेनाें के पार्षद शामिल हैं। एक वार्ड में अब तक चार लाख का ही काम स्वीकृत हुआ।

इन बड़े नताओं के नजदीकी पार्षदाें के ही हाे रहे काम निगम में जिन नेताओं के चहेते पार्षदों के ज्यादा काम हाे रहे उसमें केन्द्रीय मंत्री अर्जुनराम मेघवाल, शिक्षा मंत्री डाॅ. बीडी कल्ला, मेयर सुशीला कंवर राजपुराेहित, नेता प्रतिपक्ष चेतना चाैधरी शामिल हैं। उनके स्वयं के वार्ड के अलावा समर्थक पार्षदाें की ज्यादा पैरवी काम आ रही है।

तीन साल से काम नहीं हो रहे : स्वामी
मेरे वार्ड में 20 और 23 लाख के वर्कऑर्डर हुए हैं, लेकिन वाे मेरा लेटर नहीं है। वाे लेटरपैड दूसरे का हैं। बताैर पार्षद ताे मेरे वार्ड में एक भी काम निगम और यूआईटी स्वीकृत ही नहीं कर रहा। मेरी रिकमंडेशन से ताे काम हाेने ही नहीं दे रहे। शिक्षा मंत्री डाॅ. बीडी कल्ला के कारण तीन सालाें से मेरे वार्ड में काम नहीं हाे रहे। कमिश्नर भी मंत्री के दबाव में है। एक तालाब का टेंडर 55 लाख का लगवाया था। मंत्री ने उसे भी रुकवा दिया।