





फिर मंडराने लगा लंपी का खतरा, वैज्ञानिकों की चेतावनी- मानसून सें पहले नहीं हुआ वैक्सीनेशन तो हालात होंगे बेकाबू
बीकानेर। मई 2022 के बाद राजस्थान समेत पूरे देश में लाखाें गायाें काे निगल चुकी लम्पी का प्रकोप गर्मी आते ही फिर फैलने लगा है। महाराष्ट्र-कर्नाटक के साथ राजस्थान में भी पाॅजिटिव केस आए हैं। मंगलवार को अजमेर में भी 15 गायों में लम्पी के लक्षण मिले हैं। लेकिन अगस्त 2022 में तैयार हुई वैक्सीन के उत्पादन की प्रक्रिया केन्द्र सरकार 8 महीने में भी पूरी नहीं कर पाई। वैज्ञानिकाें ने चेताया है कि मानसून से पहले वैक्सीनेशन नहीं हुआ ताे हालात पिछले साल जैसे हाेंगे। देश में पहली बार नवंबर 2019 में लम्पी का पहला केस बैंगलुरू में सामने आया था लेकिन पिछले साल ताे पूरे देश में कहर बरपाया।
लाखाें गोवंश लम्पी से मर गया। सरकार जब तक संभल पाती तब तक ताे सड़काें से लेकर गांव में गायाें के लाशाें के ढे़र लग गए। हिसार के वैज्ञानिकाें ने हालात देख जुलाई 2022 में लम्पी की वैक्सीन तैयार की। 10 अगस्त काे वैक्सीन लॉन्च भी हाे गई। अक्टूबर के अंत में ही वैक्सीन के काॅमर्शियल प्राेडक्शन के लिए एमओयू हाे गया। बाॅयाेवेट कंपनी ने अक्टूबर में वैक्सीन तैयार भी कर ली और नवंबर में केन्द्रीय ड्रग कंट्राेलर काे एप्रूवल के लिए भेजी। कुछ समय ड्रग कंट्राेलर फाइल काे दबाए रहे। फरवरी में ड्रग कंट्राेलर के यहां से फाइल केन्द्रीय पशुपालन विभाग के पास पहुंची।
वहां भी दाे महीने फाइल रुकी रही। 5 अप्रैल काे पशुपालन विभाग ने मंजूरी देते हुए वापस फाइल ड्रग कंट्राेलर के यहां भेजी और अभी वहीं अटकी हुई है। इस कारण अब तक फील्ड में वैक्सीन नहीं पहुंची, लेकिन लम्पी के केस वापस आने लगे। वैज्ञानिकों ने चेतावनी दी कि मानसून से पहले अगर पूरे गोवंश का वैक्सीनेशन नहीं हुआ तो स्थिति भयावह होगी। केन्द्रीय कृषि मंत्री नरेन्द्र सिंह ताेमर पशुपालन मंत्री पुरुषाेत्तम रूपाला के सामने वैक्सीन तैयार ना हाेने पर अफसाेस जता चुके हैं।
पिछले साल लम्पी से बचाने के लिए गोटपॉक्स वैक्सीन लगाई, अब पता चला वो लम्पी में बेअसर
पिछले साल आए लम्पी के बाद केन्द्रीय पशुपालन विभाग की रिकमंडेशन पर लम्पी की वैक्सीन आने से पहले तमाम राज्याें ने गोटपाॅक्स वैक्सीन गोवंश काे लगाई। तब कहा गया कि ये लम्पी पर असर करेगी, लेकिन अब ये फेल करार दे दी गई। खुलासा महाराष्ट्र सरकार की ओर से भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के पास भेजी गई एक रिपोर्ट ने किया। महाराष्ट्र सरकार ने दावा किया कि पिछले साल लम्पी आने के बाद सवा करोड़ गोवंश को गोटपॉक्स से वैक्सीनेट किया गया। बावजूद इसके इसमें से चार लाख गायों को लम्पी रोग हुआ और उसमें से 30 गायाें की माैत हाे गई। इस रिपाेर्ट के बाद 15 मार्च काे दिल्ली में हाईपावर कमेटी की बैठक हुई जिसमें गाॅटपाक्स वैक्सीन काे लंपी राेग के लिए डिस्क्वालीफाई किया गया। राजस्थान में करीब 30 लाख गोवंश काे गोटपाॅक्स वैक्सीन लगाई गई थी।
इन कंपनियाें के पास है प्राेडक्शन का अधिकार : बाॅयाेवेट प्राइवेट लिमिटेड, इंडियन इम्युनिलाेजिकल लिमिटेड, इंस्टीटयूट ऑफ वेटरनरी बाॅयाेलाॅजिकल प्राेडक्ट्स और हेस्टर बाॅयाे साइंसेस ने ही वैक्सीन बनाने के लिए करार किया है। 75-75 लाख रुपए में वैक्सीन बनाने का फाॅर्मूला खरीदा है। भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान बरेली ने बाॅयाेवेट की ओर से बनाई गई वैक्सीन काे वैज्ञानिक मंजूरी भी दे दी।